Wednesday 8 January 2014

तुम और मैं...

 तुम और मैं...



तुम मेरी महत्वाकांक्षांओं के सितारे बैठती अपनी मांग में सजाये,
मेरी खुशियां अपनी बिंदिया में समेटे,
चूड़ीयों से मेरे कानो को झंकृत करती,
आँखों में स्नेह अपार लेकर,
अपने लम्बे, घने, मेघ से काले केश काँधे पर डाले,
अपने स्नेह सिक्त हाथों को मेरे ललाट पर फिराती,
अपनी सब कुछ भुला देने वाली मुस्कान होठों पर सजाती,
और दुखों को मेरी स्मृति से धो जाती|

मैं जीवन पथ पर संघर्ष कर लौटता ,
निराशा की एक ठंडी सी सांस छोड़ता,
तुम आशा का झट से निर्मल जल ले आती,
और सांत्वना भरे हाथों से स्वयं पिलाती,
फिर साडी के पल्लू से श्रम स्वेद पोंछती,
उद्दंड हवा ने मेरे केश जो थे बिखेरे,
उनेह अपनी कोमल उँगलियों से सहलाती,
अपनी सब कुछ भुला देने वाली मुस्कान होठों पर सजाती,
और दुखों को मेरी स्मृति से धो जाती|

जब असफलता का आवेग मेरी आँखों से बहता,
यथार्थ अपनी कटुता से मुझे व्यग्र करता,
प्रोत्साहन के दो शब्द कहकर ,
तुम मेरे शीश को आँचल में छुपा लेती,
आंसू मेरे पोंछकर, अपलक निहारती,
मेरे हाथों को अपने हाथों में लेकर,
जीवन भर साथ रहने का आश्वासन देती,
और फिर प्यार से मेरे मस्तक को चूम लेती,
अपनी सब कुछ भुला देने वाली मुस्कान होठों पर सजाती,
और दुखों को मेरी स्मृति से धो जाती|


मेरे एहसासों का तेरे एहसासों से ,
ऐसा नाता होता ,
मेरे रोने से पहले तेरा आँचल भीगा होता|
तेरी धड़कने बस जाती,
मेरी धड़कनों में ऐसे,
जो भी सुनता उसे स्वर एक ही सुनाई देता|
हमारे प्रेम की कुछ ऐसी पराकाष्ठा होती,
पेट तुम्हारा भरता, तो तृप्ति मेरी होती|
यूँ तो सभी का जीवन साँसों का मोहताज है,
किन्तु दिल तुम्हारा धड़कता, तो उम्र मेरी बढ़ जाती|
तुम्हारी मुस्कानों से उड़ाई नित,
मेरा नव विहान होता,
तुम हँस भर जो देती,चिंताएं मेरी मिट जाती|
तुम अपनी सब कुछ भुला देने वाली,
मुस्कान होठों पर सजाती,
और दुखों को मेरी स्मृति से धो जाती|
तुम मेरी महत्वाकांक्षाओं के सितारे अपनी मांग में ....


 जीवन में सुख दुःख आते,
तुम मुझे उदास देखती,
मेरा हाथ अपने हाथों में लेतीं,
सदैव साथ रहने का एहसास दिलाती,
क्षण भर के लिए पलकें झपकाकर,
मेरे हाथ को अपनी दोनों हथेलियों में दबातीं,
अपनी सब कुछ भुला देने वाली मुस्कान होठों पर सजातीं,
और दुखों को मेरी स्मृति से धो जातीं |


जब में उलझनों में फंस जाता,
और अपने दायित्व भूल जाता,
तुम मुझसे शिकायत न करतीं,
उत्साहित  होकर मेरा साहस बढ़ातीं,
'समय बीत जायेगा' कहकर ढाढ़स बँधातीं
सब कुछ भुला देने वाली मुस्कान होयहों पर सजातीं,
और दुखों को मेरी स्मृति से धो जातीं |


सुख के पलों में जब तुम हँसतीं,
मेरे आँगन में खुशियां बरसतीं,
मेरे साथ खिड़की पर खड़े होकर,
फुहारों को अंजलि में पकड़तीं,
मैं तुम्हे अपलक निहारता,
तुम आँखों से कुछ कहतीं,
मैं तुम्हे गले लगाता, तुम मुझे चूम लेतीं,
सब कुछ भुला देने वाली मुस्कान होयहों पर सजातीं,
और दुखों को मेरी स्मृति से धो जातीं |


एक दूजे की खुशियों में,
हम खुद को भी भूल जाते,
तुम्हारे सपने मेरी आँखों में होते,
अपनी आँखों में तुम मेरे सपने सजातीं,
चुम्बनों से शुभकामनायें देतीं,
आलिंगनों से बधाई बरसातीं,
अभाव हमें महसूस न होते, तुम प्रेम का ऐसा संसार बसातीं,
सब कुछ भुला देने वाली मुस्कान होयहों पर सजातीं,
और दुखों को मेरी स्मृति से धो जातीं |

मंदिर जैसा घर अपना होता,
पवित्रता हर और महकती होती,
घोर प्रतिकूलता में भी कभी,
तुम्हारे मस्तक पर शिकन न होती,
ईर्ष्यालुयों के षड़यंत्र फटने पर,
तुम्हारे होठों से मुस्कान न जाती,
समय की निर्मम परीक्षाओं में तुम मुझमे अपना विश्वास न खोती,
सब कुछ भुला देने वाली मुस्कान होयहों पर सजातीं,
और दुखों को मेरी स्मृति से धो जातीं |

मेरा तुम  तक,
तुम्हारा मुझ तक,
बस अपने संसार का विस्तार इतना ही होता,
मैं तुममें, तुम मुझमे,
अपने आप को डुबो लेतीं,
मैं मुस्काता जब तुम मुस्कातीं,
कोई विपदा हमें विचलित न कर पाती,
सब कुछ भुला देने वाली मुस्कान होयहों पर सजातीं,
और दुखों को मेरी स्मृति से धो जातीं |

हर सुबह जब तुम मुझे उठातीं,
अपने केश मेरे चेहरे पर गिरातीं,
मैं तुम्हारी खुश्बू में डूब जाता,
अधखुली आँखों से तुम्हे निहारता,
तुम अपने होठों से कविता कहतीं,
मैं आलिंगनों से प्रन्शंसा बरसाता,
फिर तुम स्वयं को छउड़ातीं,
संकेत से निर्दयी घडी दिखातीं,
सब कुछ भुला देने वाली मुस्कान होयहों पर सजातीं,
और दुखों को मेरी स्मृति से धो जातीं |





                            




10 comments:

  1. good use of words , beautiful expressions through words.......

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  2. बरसात से भीगी छत पर,
    नंगे पांव टहलना,
    उगते सूरज की लालिमा में,चिड़ियों का चहकना,
    दिल को शकून देता है, आज चांद फिर निकलेगा।

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  3. This is immortal Love stroy

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  4. असीम आभार विभा जी ।
    बताइये,किस प्रकार सम्मिलित हुआ जा सकता है?

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    Replies
    1. मेरे द्वारा की गई उपर के टिप्पणी में
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