एक आशा .....
वो शब्द जो तेरे होठों से बह कर मुझ तक पहुंचे थे ....
मेरी स्मृति में मंदिर के घंटों सा बजते हैं .....
रात जब थक जाती है और सूरज दिया जलाता है ..
मेरे मन के वीरानो में तेरे बोल कोयल सा कूकते हैं .....
जीवन की लौ बचाने में दिन तो यूँ ही ढल जाता है ..
तेरे आने की आशा लिए सपने विरही सजनी सा सजते हैं ....
वो शब्द जो तेरे होठों से बह कर मुझ तक पहुंचे थे ....
मेरी स्मृति में मंदिर के घंटों सा बजते हैं .....
रात जब थक जाती है और सूरज दिया जलाता है ..
मेरे मन के वीरानो में तेरे बोल कोयल सा कूकते हैं .....
जीवन की लौ बचाने में दिन तो यूँ ही ढल जाता है ..
तेरे आने की आशा लिए सपने विरही सजनी सा सजते हैं ....
Yourr the best
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